Sunday, December 2, 2012

​​तुमको भुलाने के लिये.{ To forget you }

हाँ ​​तुमको भुलाने के लिये में खुद को मिटाने लगा हूं.
पहले जिसे छुता तक नही था, अब हर दिन उसे पीने  लगा हूं.

सङकें गलियाँ कुत्ते चौराहे, सब जानने लगे हैं.
पुलिस चौकीदार भी पहचान ने लगे हैं.
लेकिन पहले से भी ज्यादा तुम्हे चाहने लगा हूं.
हाँ ​​तुमको भुलाने के लिये में खुद को मिटाने लगा हूं.

हाँ तुमको भुलाने के लिये में खुद को मिटाने लगा हूं.
ज़िंदगी से पिछा छुडाने के लिये हर दिन नई कोशिशें करने लगा हूं.

घर-परिवार यार-रिश्तेदार सब ताने मारने लगे हैं.
हाँ ​​गली मोहल्ले के आवारा भी कहलाने लगे हैं ..
लेकिन पहले से भी ज्यादा तुम्हे चाहने लगा हूं.
हाँ ​​तुमको भुलाने के लिये में खुद को मिटाने लगा हूं.

हाँ ​​तुमको भुलाने के लिये में खुद को मिटाने लगा हूं.
ज़िंदगी जो डुब रही थी उसी के सहारे दोबारा जीने की कोशिशें करने लगा हूं
.
अतीत के काले खण्डहर मुझे नोंचने लगे हैं
दिल - ओ - दिमाग तुमसे बदले की सोचने लगे हैं.
हद से भी ज्यादा तुमसे नफरत करने लगा हूं.
तुमको मिटाने के लिये में खुद को बसाने लगा हूं.
हाँ तुमको मिटाने के लिये में खुद को बसाने लगा हूं.

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